हलका कांग्रेस इंचार्ज दीपइंदर ढ़िल्लों द्वारा प्राचीनतम धरोहर श्री रामतलाई के जीर्णोद्धार प्रोजेक्ट कार्य का रस्मी शुभारंभ।

 हलका कांग्रेस इंचार्ज दीपइंदर ढ़िल्लों द्वारा 90 लाख रु के प्राचीनतम धरोहर श्री रामतलाई के जीर्णोद्धार प्रोजेक्ट कार्य का रस्मी शुभारंभ किया।





डेराबस्सी                   
आखिरकार, नगर प्रशासन ने शहर की प्राचीनतम धरोहर श्री रामतलाई के जीर्णोद्धार करने का साढ़े चार साल बाद शुरु कर दिया गया। हालांकि एनके शर्मा ने हिंदुओं की आस्था की प्रतीक रामतलाई के सौंदर्यकरण का ऐलान करते हुए इसकी साफ सफाई कार्य का 28 अगस्त 2016 को शुरु किया था परंतु यह महज फाइलों तक ही सीमित रह गया। अब दोबारा शुरु हुए काम से शहर की अलग अलग धार्मिक संस्थाओं की चार दशक पुरानी मांग पूरी होने की उम्मीद फिर  जगी है। हलका कांग्रेस इंचार्ज दीपइंदर ढ़िल्लों 90  लाख रु के इस प्रोजेक्ट कार्य का रस्मी शुभारंभ हुआ। 

श्री राम तलाई सौंदर्यकरण का काम दोबारा शुरु कर कांग्रेस सरकार ने लोगों को चिरप्रतीक्षित प्रोजेक्ट का तोहफा दिया है। दीपइंदर ढ़िल्लों ने कहा कि हिंदू भाइचारे की आस्था से जुड़े इस स्थान का 90 लाख रुपए खर्च कर इसका कायाकल्प किया जाएगा। इसमें साफ सफाई के अलावा इसका प्राचीन स्वरुप कायम रखा जाएगा। तालाब को पक्का कर इसे सरोवर का रुप दिया जाएगा। साथ ही देवी देवताओं की पुरातन काल की मूर्तियां, नलकूप समेत फव्वारे व रंग बिरंगी रोशनी का प्रबंध किया जाएगा और सरोवर में छोटे ब्रिज से रास्ता मूर्तियों के दर्शन के लिए जोड़ा जाएगा। बस स्टैंड के समीप होने के कारण यहां लोगों के बैठने व आराम करने के भी खास प्रबंध किए जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि इस नेक कार्य में फंड की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। फिलहाल, 90 लाख रुपए की लागत से यह काम पूरा करने के लिए दशम पिता गुरु गोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव पर इसे दोबारा से शुरु किया गया है। उनके इस फैसले से खुश होकर शहर की सबसे पुरानी संस्था श्री सनातन धर्म सभा ने भी एक लाख रुपए का योगदान दिए जाने का ऐलान किया। 

श्री रामतलाई का जुड़ा आस्था का इतिहास
सरकारी स्कूल के साथ हाइवे किनारे बस स्टैंड के पास 1 बीघा 17 बिसवे यानी करीब 1850 वर्ग गज में एक सरोवर प्रचीन काल में विकसित था। इसमें प्राकृतिक स्रोत से पानी जमा रहता था। इसमें कार्तिक पूर्णिमा और बावन दुआदसी मेले का आयोजन किया जाता था। शहर व आसपास के गांवों के तमाम मंदिरों से हंडोले(भगवान की सवारी) लाकर यहां पूजा अर्चना की जाती थी। इस सरोवर के केयरटेकर रहे परिवार के सदस्य अनुज शर्मा व सुशील व्यास के अनुसार लोग धार्मिक पर्व पर यहां बेहड़ा उतारने पहुंचते थे। इसके नवीनीकरण का साल 1938 में लगा पत्थर आज भी मौजूद है। 50 वर्ष के अधिक आयु के स्थानीय लोग बताते हैं कि 1974 तक यहां मेला भरता रहा। 1974 में आखिरी बार डेराबस्सी में मेला लगा था जहां पर शाम को पास ही में जहां बस स्टैंड स्थित है पंजाबी गायक जोड़ी गुरचरण लखपुरी और सुरेंद्र मोहनी  कार्यक्रम प्रस्तुत किया था। दूर-दूर से लोग इस कार्यक्रम में शिरकत होते थे। बनूड़, राजपुरा, कालका, पिंजौर रायपुर रानी, अंबाला से लोग इस कार्यक्रम को देखने आते थे.परंतु उसके बाद नाजायज कब्जों व उदासीन प्रशासन के चलते इसकी सुध किसी ने नहीं ली और अच्छा भला सरोवर सूखकर गंदगी के ढ़ेर में तबदील होता चला गया।46 वर्षों बाद एक बार फिर यहाँ सुबह से ही शहर की महिला  कीर्तन मंडलियों द्वारा कीर्तन की शुरुआत हुई।


प्रस्ताव अकाली-भाजपा का, 5 साल बाद पूरा करेगी कांग्रेस
श्री रामतलाई के जीर्णोद्वार के लिए नगर परिषद पर काबिज रहे अकाली-भाजपा पार्षदों ने सर्वसम्मित से प्रस्ताव साल 2016 में पास किया था परंतु परंतु करीब साढ़े चार साल बीतने के बाद इसपर काम अब कांग्रेस पूरा करने जा रही है। माल विभाग के रिकार्ड में यह जमीन अब भी नगर परिषद की मालकीयत नहीं है। इसके काश्तकार खाने में जंगलात विभाग दर्ज है जबकि मालिक सरकार दौलतमदार को दिखाया गया है। ढ़िल्लों के अनुसार नगर परिषद बतौर केयरटेकर इस जमीन में प्रचीन रामतलाई का पुरातनी स्वरुप कायम करेगी। श्री सनातन धर्म सभा, ब्राह्णण सभा, भारत विकास परिषद, शिव कांवड़ संघ,सिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियां,मुस्लिम भाईचारा,जैन सभा समेत अन्य संस्थाओं ने उक्त फैसले पर खुशी जताते हुए इसका स्वागत किया है। इस निर्माण कार्य का ठेका दा हर्ष कोऑपरेटिव एल एंड सी सोसाइटी लिमिटिड डेराबस्सी को मिला है। निर्माण के बाद श्री राम तलाई के रख रखाव के लिए गयारह सदस्य की एक टीम बनाई जाएगी। इस मौके रणजीत रेड्‌डी,प्रेम सिंह,लखविंदर सिंह,दविंदर कौर,कृष्ण धीमान,,भूपिंदर शर्मा,दविंदर सिंह,पुनीत शर्मा,बलजिंदर सैनी, चमन सैनी व विक्रांत भी मौजूद थे।

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