मुकेश जी की आवाज में एक ऐसा दुर्लभ गीत,यदि फिल्म चालाक रिलीज हो जाती तो सुपरहिट होता

 मुकेश जी की आवाज में एक ऐसा दुर्लभ गीत,यदि फिल्म चालाक रिलीज हो जाती तो सुपरहिट होता 



हिंदी फिल्म जगत के लीजेंडरी गायक मुकेश साहब अपने मधुर गीतों से याद किए जाते हैं।  जिन्होंने `दोस्त दोस्त ना रहा` `जाने कहां गए वो दिन` `आवारा हूं` हजारों गीत गाए। ज्यादातर मुकेश साहब ने  राज कपूर के लिए गीत गाए हैं। अन्य कलाकारों के लिए भी हिट गीत गए है.इस के अलावा फिल्मों में मनोज कुमार के लिए भी उन्होंने गीत गाए हैं। सदाबहार नगमे को मुकेश जी ने अपनी सुरीली आवाज से सजाया है। `किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार ``महबूब मेरे महबूब मेरे` वैसे तो मुकेश साहब ने एक से बढ़कर एक सुपरहिट गीत गाए हैं। आज हम आपको एक ऐसे गीत के बारे में बताते हैं जो आपने कभी शायद सुना भी ना हो और उस गीत के बारे में जाना भी ना हो।  इस दुर्लभ गीत को सन् 1965 के आसपास एक फिल्म जिसका नाम था `चालाक` और उसका निर्माण हो रहा था। जिसके निर्देशक थे जे के नंदा तथा कलाकार थे राज कपूर, मधुबाला, ओमप्रकाश और अचला सचदेव। दोस्तों यह फिल्म लगभग 80 परसेंट पूरी हो चुकी थी। कहते हैं कि फिल्म के निर्माण के दौरान मधुबाला का स्वास्थ्य काफी बिगड़ गया था।  जैसे-तैसे वह अपना काम कर रही थी लेकिन इसी बीच मधुबाला की तबीयत खराब हो गई।  ऐसा कहा जाता है कि वह एक बार सेट पर ही गिर गई थी। जिस वजह से फिल्म की शूटिंग रोक दी गई थी और उन्हें कुछ दिन आराम करने के लिए कहा गया था। कहते हैं कि सन 1966 में मधुबाला ने एक बार फिर फिल्म में  काम करने का साहसी फैसला किया था लेकिन स्वास्थ्य ने उनका साथ नहीं दिया। जब वह शूटिंग नहीं कर पाई तो एक बेहतरीन बन रही फिल्म को बंद कर दिया गया था। बता दें कि मधुबाला की यह आखिरी फिल्म साबित हुई थी। फिल्म के बंद होने के 3 वर्ष बाद  मधुबाला का स्वर्गवास हो गया था। मुकेश साहब ने रिलीज  से पहले फिल्म के बारे में एक लाइव शो में बताया था और इस गीत के बारे भी जानकारी दी थी। गीत के बोल थे `बता दे मेरी जान तेरे दिल में क्या है` जिसे लिखा था हसरत जयपुरी ने और संगीत दिया था शंकर जयकिशन ने लिंक में फिल्म चालाक का गीत प्रस्तुत किया गया है। 

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