अंताक्षरी जितने का मन्त्र,बस इस को याद कर लो

 अंताक्षरी जितने का मन्त्र,बस इस को याद कर लो 



शुरू करो अंताक्षरी लेकर प्रभु का नाम 
समय बिताने के लिए करना है कुछ काम 


सरगम में छुपा हुआ है अंताक्षरी जितने का मन्त्र 
अंताक्षरी जीतने का सौ परसेंट ट्रिक आज हम आपको बताएंगे अगर आप इस पूरी पोस्ट को पढ़ लेंगे तो आप कभी भी अंताक्षरी नहीं हारेंगे।दोस्तों घर में या हम किसी के घर मेहमान बन कर जाते हैं या फिर पिकनिक पर, कभी सफर में भी जाते हैं तो समय बिताने के लिए अक्सर हम लोग अंताक्षरी खेलते हैं। यह एक ऐसा खेल है जिसमें सभी लोग इंवॉल्व होते हैं। बच्चे से लेकर बूढ़े तक चाहे किसी को गाना गाना आता है या नहीं, कोई सुर में है या नहीं, कोई फर्क नहीं पड़ता बस इसमें एक ही चीज का ध्यान रखना होता है कि आपको गानों की खास करके फिल्मी गानों की कितनी समझ है।
          अंताक्षरी (अंता+क्षरी) यह सदियों से एक मेमोरी पावर का खेल है जिसमें कहीं गई गीत की लाइन यश्लोक के अंतिम अक्षर को लेकर दूसरा अन्य व्यक्ति उसी अक्षर से आरंभ होने वाला गीत या श्लोक बोलता है ऐसे ही जिस के उत्तर में फिर पहला व्यक्ति दूसरे के कहे गीता श्लोक के अंतिम अक्षर से शुरू होने वाले जीत या श्लोक को बोलता है। यह खेल इसी तरह चलता रहता है। यह सारी एक मेमोरी पावर का खेल है इसमें अपेक्षित व्यक्ति की स्मरण शक्ति जब जवाब दे जाती है तो उसके पास इसका उत्तर नहीं बन पाता तो वह हार मानी जाती है।  यह खेल दो व्यक्तियों से लेकर 200 व्यक्तियों के बीच में भी खेला जा सकता है। विद्यार्थियों में यह खेल आज भी प्रचलित है और अनेक संस्थाएं तो इसकी प्रतियोगिता का आयोजन भी करती हैं। 
           1989 में सलमान खान की फिल्म आई थी `मैंने प्यार किया` (maine pyar kiya) फिल्म में अंताक्षरी का खेल खेला गया था। फिल्म rajshri के बैनर तले बनी थी। फिल्म के निर्माता थे तारा चंद बड़जात्या,निर्देशक थे सूरज बड़जात्या। 
            जब भारत में नए-नए प्राइवेट टीवी चैनल शुरू है थे तो सबसे पहले ज़ी टीवी शुरू हुआ था। सन 1993 में ज़ी टीवी ने गेम शो अंताक्षरी शुरू किया था। जिस को होस्ट किया था अनु कपूर ने।  देश और विदेशों में बहुत ही मकबूल हुआ था। इस शो को आईटीव पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ एंकर म्यूजिक एंड फिल्म बेस्ट शो का पुरस्कार भी दिया गया था। कई वर्ष चला था  शो। 

       अंताक्षरी शो का दूसरा सीजन जी पंजाबी पर हर शनिवार शाम 7 बजे शुरू हो गया है। जिस को होस्ट कर रहे है जानेमाने गायक मास्टर सलीम अंताक्षरी खेलेंगे।
स (s )
सावन का महीना पवन करे शोर,
 सुन साहिबा सुन प्यार की धुन,
 सलामे इश्क मेरी जान जरा कबूल कर लो,
 शीशा हो या दिल हो टूट जाता है, 
शाम ढले खिड़की तले, 
शोला जो भड़के,
 शोखियों में घोला जाए, 
सायोनारा सायोनारा साथ निभाऊंगी सायोनारा,
 सत्यम शिवम सुंदरम,
 सुन सुन सुन दीदी तेरे लिए एक रिश्ता आया है,
 सारे के सारे गामा को लेकर गाते चले,
 सारे शहर में आप सा कोई नहीं कोई नहीं,
 सुनो कहा सुना,
 सुन चंपा सुन तारा,
 सामने यह कौन आया दिल में हुई हलचल,
 सजन रे झूठ मत बोलो,
 सुहाना सफर और यह मौसम
सावन में लग गई आग,
आ (A )
आवारा हूं,
 आजा रे अब मेरा दिल पुकारे,
 आंसू भरी है जीवन की राहें,
 आजा तुझको पुकारे मेरा प्यार,
 आपकी नजरों ने समझा,
 अंखियों को रहने दो अंखियों के आस पास,
 अजीब दास्तां है यह,
 अब के सजन सावन में,
  आपकी आंखों में कुछ,
 आजकल पाव जमी पर नहीं पड़ते,
 आते जाते हंसते गाते,
 आजा पिया तोहे प्यार दूं,
आजा सनम मधुर चांदनी में हम,
 आज ना छोड़ेंगे,
 आएगा आने वाला,
 अच्छा तो हम चलते हैं,
 अब चाहे मां रूठे या बाबा,
 आसमां के नीचे,
 अब आन मिलो सजना,
 आईए मेहरबान,
 अच्छा जी मैं हारी चलो,
 आगे भी जाने ना दूं,
 आओ ना गले लगाओ ना,
 आज रपट जाए तो,
 आजा आजा मैं हूं प्यार तेरा,
 और इस दिल में क्या रखा है
र (R )
रमैया वस्तावैया रमैया वस्तावैया मैंने दिल तुझको दिया,
 रुक जा ओ जानेवाली रुक जा,
 राम करे ऐसा हो जाए,
 रंगीला रे,
 रैना बीत जाए, 
रिमझिम गिरे सावन,
 रात अकेली है बुझ गया दिए,
 रात बाकी बात बाकी,
 रात के हमसफ़र
 रोज रोज आंखों तले,
 रुके रुके से कदम,
 रामपुर का वासी हूं मैं लक्ष्मण मेरा नाम,
राजा की आएगी बारात,
राही  मनवा दुःख की चिंता कियु सताती है दुःख तो अपना साथी है 
रूठे- रूठे पिया मनाऊ कैसे 

म (m )

मुझ को ठण्ड लग रही है 
मेरा कुछ सामान,
मेहंदी लगा के रखना, 
मांग के साथ तुम्हारा,
मुड़- मुड़ के ना देख,
मिल गया हम को साथी मिल गया,
मुझे रंग दे,
मौसम का जादू,
मौसम है आशिकाना,
मुझे कुछ कहना है,
मैं चली मैं चली,
मेरे ख्वाबो में तू आये,
मैं तो इक ख्वाब हूँ,
मस्त बहारों का मैं आशिक,
मस्ती भरा है समां,
ग (G )
गीत गाता चल,
गीत गाता हूँ मैं ,
गोरे गोरे चाँद के मुख पे,
गरीबों की सुनो वो तुमाहरी सुनेगा,
गम का फ़साना,
गम उठाने के लिए मैं तो जिए जाऊँगा,
गोल माल है बई सब गोल माल है,
गुम है किसी के प्यार में,
गुलाबी आंखें,
गोरी तेरा गाओ बड़ा प्यारा,
गोरे रंग पे न इतना गुमान कर,
गोरी है कलाइयां,

य (y)

यह कहाँ आ गए हम,
यारी है ईमान मेरा याद मेरी जिंदगी,
यह दुनिया यह महफ़िल,
यारा ओ यारा इश्क़ ने मारा,
यहाँ वहां सारे जहाँ पे तेरा,
यह मेरा दिल यार का,
यह है बम्बई नगरिया,
यह लड़का हाय अल्ला कैसा है दीवाना,
यह पर्दा हटा दो,
यह जवानी है दीवानी,
यह रातें यह मौसम नदी का किनारा,
ह (H )
हम ना रहेंगे तुम ना रहोगे यह प्यार हमारा,
 हम थे जिनके सहारे,
 हाय रे हाय नींद नहीं आए,
 हाले दिल हमारा जाने ना,
 हरी ओम हरी हरी ओम हरी,
 हम तुम युग युग से ये गीत मिलन के,
 हाय हाय यह मजबूरी,
 होली के दिन दिल मिल जाते हैं,
 हम तुमसे जुदा हो के मर जाएंगे रो रो के,
 हमें तुमसे प्यार कितना,
 हम छोड़ चले हैं महफिल को, 
हुस्न चला कुछ ऐसी चाल,
 हुस्न वाले तेरा जवाब नहीं,
 हाल कैसा है जनाब का,
 हमदम मेरे मान भी जाओ,
 हुई शाम उनका ख्याल आ गया,
 होठों पे ऐसी बात जो दबा के चली आई,
 होठों से छू लो तो
न (N )
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे,
नाच मेरी बुलबुल के पैसा मिलेगा,
नन्हा मुना रही हूँ,
नदिया से सागर,
ना जाओ सँइयाँ छुड़ा के बइयाँ,
नफरत की दुनिया को छोड़ कर,
नफरत करने वालों के,
नींद न मुझ को आये,
नील गगन पर उड़ते बादल,
नसीब में  जिस के जो लिखा,
 

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