9 वर्ष की हरजोत ने अपनी मधुर आवाज से सभी का दिल जीत लिया। you Tube पर ढाई लाख के करीब Subscribers है
जी हां दोस्तों आज हम आपको बताएंगे कि चंडीगढ़ के नजदीक पंजाब के शहर जीरकपुर,बलटाना की रहने वाली एक छोटी बच्ची जिसका नाम Harjot Kour ने अपनी मीठी आवाज से गाए हुए गीतों, भजनों और शब्दों से लाखों लोगों का दिल जीत लिया है। कम उम्र में ही हरजोत की गायकी सुर और ताल के साथ ऐसी गाती है कि जैसे कोई मजा हुआ गायक हो।बच्चा तभी आगे बढ़ सकता है जब उसके माता पिता का पूरा योगदान साथ में हो यहां भी कुछ ऐसा ही है माता राजेंद्र कौर और पिता हरजिंदर सिंह की मेहनत अब रंग लाने लगी है जितनी मेहनत बच्चे को करनी पड़ती है उससे कहीं ज्यादा परिवार को करनी पड़ती है। अब यू कह लीजिए कि परिवार के सभी सदस्य पर्दे के पीछे के प्रोड्यूसर डायरेक्टर होते हैं।बड़ी बेटी 14 वर्ष की है उसे भी संगीत का शौक है। हरजोत चौथी कक्षा में सतलुज पब्लिक स्कूल जो कि पंचकूला में है में पढ़ती है।
हरजोत के पिता हरजिंदर सिंह बताते हैं कि दरअसल उनको खुद को गायकी का बहुत शौक है। इसे पहले परिवार में किसी ने भी गायकी के क्षेत्र में कदम नहीं रखा था और ना ही मुझे संगीत के बारे में कोई जानकारी थी फिर मुझे किसी यार दोस्त ने बताया कि पंचकूला में एक सर है जो संगीत सिखाते हैं तो मैं तुरंत उनको मिलने चला गया। जब मैं उनके पास गया तो मेरे को बहुत खुशी हुई उनसे मिलकर। उनका नाम प्रदीप सर है। मैंने उनसे कुछ वर्ष संगीत भी सीखा। लेकिन मुझे आगे बढ़ने का मौका नहीं मिला। संगीत का जुनून इस कदर था कि दिन में 8 से दस घंटे रियाज करता था। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी।हरजिंदर बताते हैं कि जब हरजोत 4 वर्ष की थी तो वह घर में गीत गाने लगी थी। तभी घर में सभी को लगा कि क्यों ना बच्ची को बकायदा क्लासिकल शिक्षा दिलवाई जाए तो उन्होंने साथ ही लगते पंचकूला में गुरु प्रदीप जी से शिक्षा ग्रहण करने के लिए जब पहले दिन हरजोत को लेकर गया तो उन्होंने हरजोत को बोला कि कोई गीत सुनाओ। हरजोत ने लगातार तीन चार गीत सुनाए। वहां जितने भी स्टूडेंट आए हुए थे सभी ने जोरदार तालियां बजाकर हरजोत का अभिनंदन किया। गुरु जी को भी समझ में आ गया कि यह बच्ची में सीखने के बहुत से गुण है।
हरजोत की संगीत के प्रति पकड़ इतनी ज्यादा थी कि वह एक बार में ही बताएं राग को समझ जाती और एक दिन में ही सीख जाती थी। हरजोत के पिता बताते हैं कि उन्होंने जो अपने मन में संगीत के प्रति भावनाएं रखी हुई थी वह हरजोत की गायकी से पूरी हो रही हैं। एक दिन गुरु प्रदीप जी ने हरजोत के पिता को बुलाकर सुझाव दिया कि क्यों ना बच्ची के गीतों को दुनिया तक पहुंचाने के लिए यूट्यूब चैनल शुरू कर दिया जाए। क्योंकि अब उनको लग रहा था कि हरजोत गायकी में अच्छी पकड़ बना चुकी है। तो सबसे पहला गीत स्टूडियो में गुरुजी की देखरेख में रिकॉर्ड किया गया। गीत के बोल हैं `चरखे दी कुक` यूट्यूब चैनल पर पहला गीत अपलोड कर दिया गया। देखते ही देखते लोगों को हरजोत का गीत इतना पसंद आया की वीडियो वायरल हो गया। साथ ही चैनल भी मोनेटाइज हो गया।हरजोत के youtube चैनल का नाम KAUR HARJOT है
फिर तो हरजोत की एक अलग पहचान होनी शुरू हो गई। हरजोत ने हिंदी क्लासिकल सॉन्ग भी गए हैं। साथ में पंजाबी गीत भी गाए हैं। हाल ही में उन्होंने भजन भी गाया हैं। जो भी भजन, शब्द, गीत चाहे वह हिंदी का हो या पंजाबी का सभी गीतों को लोगों द्वारा खूब सराहा गया अब तो हाल यह है कि दूर दूर से लोग इनको कार्यक्रमों के संबंधी बुलाते हैं। आने वाले दिनों में हरजोत के कई प्रोजेक्ट तैयार हो गए हैं जो की रिलीज के लिए तैयार है। अभी हाल ही में उन्होंने मां के ऊपर एक गीत गाया है। जिसकी काफी सराहना हो रही है। हरजोत ने ज्यादा तर कवर सांग ही गाए है,जिस में सतिंदर सरताज,अभिलिप्सा पंडा का शिव भजन हर हर शम्भू शिव महादेव और सिद्धू मुसेवाला का 295 गीत है।
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