ईएसआईसी की कोविड-19 राहत योजना 24 मार्च 2020 से 2 वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी
डेराबस्सी
कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा कोविड-19 का शिकार होकर मौत के मुंह में समाए वर्कर्स के आश्रितों को राहत प्रदान के लिए पेंशन योजना शुरू की है। ईएसआईसी की कोविड-19 राहत योजना 24 मार्च 2020 से 2 वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी है जिसमें नौकरी दौरान मृतक के वेतन का 90 फ़ीसदी हिस्सा उसके आश्रितों को बतौर पेंशन दिया जाएगा। इसके लिए उक्त अवधि के दौरान कोरोना से मारे गए वर्कर्स की सूची तैयार की जा रही है।
डेराबस्सी सबडिवीजन के तहत पिछले 2 साल में अकेले डेराबस्सी सब डिवीजन में ही ईएसआई कार्ड धारक 54 वर्कर्स की अलग-अलग कारणों से मौत हो चुकी है। हालांकि हर बीमा कृत मृतक की अंत्येष्टि के लिए परिवार को ₹15000 का एकमुश्त खर्च ईएसआई अदा कर चुकी है परंतु इनमें कितने वर्कर कोरोना संक्रमण का शिकार होकर दम तोड़ गए, इसके आंकड़े ईएसआईसी के लोग जुटा रहे हैं। ईएसआईसी के रीजनल डायरेक्टर अमरेश शर्मा के अनुसार कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 की धारा 2(9) के अंतर्गत जो बीमाकृत व्यक्ति कर्मचारी थे और जिनकी कोविड-19 के कारण मृत्यु हुई, उनके आश्रित कुछ शर्तों के पूरा होने पर योजना के अंतर्गत राहत के पात्र बन सकते हैं।
इस बारे विस्तृत जानकारी देते हुए डेराबस्सी से सोशल सिक्योरिटी अफसर राम राज वर्मा ने बताया कि मृतक बीमाकृत व्यक्ति निगम के ऑनलाइन पोर्टल पर कोविड-19 रोग के निदान की तिथि से कम से कम 3 माह पूर्व पंजीकृत होना जरूरी है। दूसरा मृतक बीमाकृत व्यक्ति कोविड-19 रोग के निदान के समय बीमा योग्य रोजगार में होना चाहिए तथा रोग के निदान से ठीक पहले अधिकतम 1 वर्ष की अवधि के दौरान उसके लिए कम से कम 70 दिन के अंशदान का भुगतान/देय होना चाहिए। तीसरा यह कि मृतक बीमाकृत व्यक्ति के पात्र आश्रितों को बीमाकृत के औसत वेतन की 90 फीसदी की दर से प्रतिमाह भुगतान किया जाएगा। भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा। राहत की न्यूनतम राशि 1800 रू प्रतिमाह है। योजना के अंतर्गत हेतु दावा कोविड-19 की पॉजिटिव रिपोर्ट तथा बीमा कोई व्यक्ति की मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति सहित किसी भी निकटतम ईएसआईसी शाखा कार्यालय में किया जा सकता है। दावा प्रस्तुत करने के 15 दिन के भीतर निपटान भी कर दिया जाएगा।