रोमांटिक बॉलीवुड हीरो जॉय मुखर्जी के बेटे माेन्जॉय का पंजाब प्रेम, जल्द ही बतौर निर्माता निर्देशक पंजाबी फिल्म शुरु करेंगे, थिएटर आर्टिस्ट पहली पसंद;मोन्जॉय

 रोमांटिक बॉलीवुड हीरो जॉय मुखर्जी के बेटे माेन्जॉय का पंजाब प्रेम,

जल्द ही बतौर निर्माता निर्देशक पंजाबी फिल्म शुरु करेंगे,

थिएटर आर्टिस्ट पहली पसंद;मोन्जॉय


वाईपीएस चौहान

मोन्जॉय मुखर्जी जॉय मुखर्जी के बेटे है। उनकी आगे की क्या प्लानिंग है यह सब आप को बताएंगे। उन के पिता जॉय मुखर्जी पर फिल्माए गीत जैसे दिल की आवाज भी सुन मेरे फ़साने पे न जा,आप यु ही अगर हम से मिलते रहे देखिये एक दिन प्यार हो जाएगा,बहुत शुकरिया बड़ी मेहरबानी,दिल की आवाज भी सुन या फिर बंदा परवर थाम लो जिगर जैसे सुपर हिट गीत आज भी उतने ही पॉपुलर है जियने पहले होते थे। उनकी फिल्मे की बात करें तो सब से पहले लव इन शिमला,लव इन टोकियो,जिद्दी,शागिर्द,फिर वही दिल लाया हूँ,एक मुसाफिर एक हसीना और दूर की आवाज जैसी सुपर हिट फिल्मे रही है.आज हम उन के बारे इसी लिए बात कर रहे है की हाल ही में उन के बेटे मोन्जॉय मुखर्जी से मुलाकात हुई। वह यहाँ पंजाबी फिल्म बनाने के सिलसिले में आये हुए थे।मोन्जॉय मुखर्जी बॉलीवुड फिल्म जगत में एक प्रसिद्ध निर्देशक, लेखक और निर्माता हैं। सन 2016 में हिंदी फिल्म `है अपना दिल तो आवारा `का वह निर्देशन कर चुकें है। जो की कामयाब रही थी।इस के अलावा शार्ट फिल्में `फुटनोट्स` का निर्देशन कियाऔर इस की कहानी भी लिखी। `दी वाईफ` के वह को प्रोडूसर है। 


  बता दे की पंजाब से उनका ख़ास रिश्ता है उन की माता जी नीलम पंजाब के अमृतसर से है। मोन्जॉय पंजाबी भी अच्छी बोल लेते है।उनका परिवार दुर्गा पूजन व गणेश महोत्सव के साथ साथ गुरपर्व भी पूरी श्रद्धा व धूमधाम से मनाता है। बकौल मोन्जॉय वह जब भी अमृतसर आते हैं, हरमंदिर साहब समेत ऐतहासिक गुरु घरों में माथा टेकना नहीं भूलते। यहां की हरियाली, लोगों का कल्चर उन्हें सबसे अधिक पसंद है। उनकी माता जी भी चाहती हैं कि वे पंजाबी फिल्म जगत में जरुर अपनी अमिट छाप छोड़ें। अभी केवल पंजाबी फिल्म बना रहा हूं, उनका मानना है की नए कलाकारों को मौका मिलना चाहिए।

मोन्जॉय का सपना अपने पिता की पहली फिल्म लव इन शिमला की रीमेक बनाना है। यह रीमेक फिल्म वे अपने पिता को श्रद्धांजलि के रुप में समर्पित करना चाहते हैं। मोन्जॉय कहते हैं की फिल्म का निर्माण करना कोई आसान काम नहीं है। घर का निर्माण आप आसानी से कर लेते हो लेकिन फिल्म बनाने के लिए आपको हर कदम फूंक -फूंक कर रखना पड़ता है। एक गलती भी आपकी फिल्म के निर्माण को रोक सकती है। इससे कठिन और कोई काम नहीं है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का सिनेमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।आप घर बैठे जितना मर्जी कुछ देख लीजिए। लेकिन सिनेमा हमारे लोगों की एक आदत बन चुका है। पिछले 100 वर्ष से सिनेमा चल रहा है और आगे भी चलता रहेगा। हम लोगों को आदत पढ़ चुकी है सिनेमा हॉल में फिल्म देखने की।  जो मजा सिनेमा हॉल में फिल्म देख कर आता है वह शायद घर में टीवी के ऊपर बैठकर फिल्म देखने का मजा ना आता हो। 


जय ओम यादव मुखर्जी (जॉय मुखर्जी) ने करीब 35 से अधिक फिल्मों में जबरदस्त अभिनय किया है। इसके अलावा उन्होंने तीन फिल्मों को डायरेक्ट भी किया है और साथ ही दो फिल्मों का निर्माण भी किया है। उनका जन्म 24 फरवरी 1939 को हुआ था और उन्होंने अंतिम सांस 9 मार्च सन 2012 को ली थी ,दो बेटे हैं मोहन जॉय मुखर्जी और सुजॉय मुखर्जी जॉय मुखर्जी के परिवार की बात करें तो सशधर मुखर्जी और सती देवी के वह पुत्र हैं। उनके पिता बॉलीवुड के जाने-माने एक सफल निर्माता तो रही है साथ में फिल्मीस्तान स्टूडियो के वह सह संस्थापक भी हैं।फिल्मिस्तान  स्टूडियो ने बहुत यादगार फिल्में दी हैं। उनके चाचा सुबोध मुखर्जी निर्देशक और उनके मामा अशोक कुमार, अनूप कुमार और किशोर कुमार थे ,भाई शोमू मुखर्जी की शादी अभिनेत्री तनुजा से हुई ,जिनकी दो बेटियां काजोल और तनिषा मुखर्जी हैं ,रानी मुखर्जी भी उनकी भतीजी है। जॉय मुखर्जी ने हमसाया फिल्म का निर्माण किया और निर्देशन भी किया था। राजेश खन्ना स्टारर फिल्म छैला बाबू को डाइरेक्ट भी किया था। टेलीविजन के एक मशहूर धारावाहिक ए दिल है नादान में उन्होंने अभिनय भी किया था।


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