Deepak Singh Bisht को डिजिटल मार्केटिंग में कुछ ऐसा काम करने का शौक चढ़ा की सीखते सीखते बन गए एक्सपर्ट।
दोस्तों आज हम बात करेंगे युवा दीपक सिंह बिष्ट जो कि पिथोरागढ़ से संबंधित है और आपको हैरानी होगी कि इतनी कम आयु में भी इन्होंने डिजिटल मीडिया में बहुत से काम कर डालें। बिल गेट्स ने एक बार कहा था कि इंटरनेट को कल के वैश्विक गांव के लिए टाउन स्क्वायर के रूप में संदर्भित किया था हालांकि अभी भी बहुत से लोग इसके विकास और व्यवसाई क्षमता से परिचित नहीं है कुछ को छोड़करI दीपक कहते हैं कि यदि आप सोते समय पैसा कमाने का कोई रास्ता नहीं खोजते तो आप मरते दम तक काम करते रहेंगे यह वारेन बफेट का प्रेरणादायक मंत्र रहा है। यही वह मंत्र है जो उन्हें हर दिन प्रेरित करता रहता हैI
जैसा कि आपको पता है कि आजकल ज्यादातर युवाओं का रुझान डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ऊपर जैसे कि यूट्यूब या फेसबुक के ऊपर अपना काम धंधा या यूं कह लीजिए कि अपना प्रोफेशन बनाने में होड़ लगी हुई है। क्योंकि उनको ऐसा लगता है कि यदि आपके पास कोई और काम नहीं या नौकरी नहीं तो आप इस फील्ड में जा सकते हैं। बात इन युवाओं की भी ठीक है लेकिन जब वह इस काम को करने लगते हैं तो कई कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता है। उन सभी मुश्किलों का समाधान करने के लिए दीपक सिंह बिष्ट भी खुद भी लोगों को सीखा ही रहे है साथ में इससे और भी एडवांस स्टडी वह खुद सीख रहे हैं। ताकि जितना ज्यादा लोगों को ज्ञान बांटा जा सके वह कम हैI
आइए आपको बताते हैं कि दीपक सिंह बिष्ट के बारे। कुमाऊं का वह क्षेत्र जो नेपाल बॉर्डर के बिल्कुल साथ लगता है जहां से कुछ मीटर की दूरी पर नेपाल का बॉर्डर है और ऊंचे ऊंचे पहाड़ों के बीच में एक नदी बहती है बस वही मान लीजिए कि एक तरह से नेपाल का बॉर्डर है ना। वहां आज भी 5G की फैसिलिटी है और नेटवर्क तो बहुत ही कम होता है।
दीपक बताते हैं कि जब उन्होंने अपना Digital Marketing का कैरियर शुरू किया तो यूट्यूब चैनल से किया। रात को जब सभी घर के लोग सो जाते तो वह अपने कमरे में बैठकर वीडियो बनाते थे। काफी समय ऐसा ही चलता रहा धीरे-धीरे लोगों को पता चलना शुरू हुआ कि हमारे क्षेत्र के एक युवा ने यूट्यूब चैनल शुरू किया है। शुरू में व्यू भी बहुत कम आते थे। मन भी बड़ा खराब होता था कि व्यू इतने कम आ रहे हैं। लेकिन एक मन में निश्चय किया हुआ था कि मैंने इस लाइन में कुछ विशेष करना है। पहाड़ों में कठिनाइयां बहुत होती है। कहते हैं कि पहाड़ दूर से ही देखने को अच्छा लगता है लेकिन वहां का जीवन बड़ा ही कठिन होता है आपको किसी छोटे से काम के लिए भी कई किलोमीटर तक पैदल शहर या कस्बे में जाना पड़ता है। सर्दियों में तो और भी इससे ज्यादा कठिनाई हो जाती है। ऊपर से नेटवर्क की परेशानी भी रहती है। केवल एक स्मार्टफोन मोबाइल ही होता था उसी के ऊपर वीडियो बनाई जाती थी और फिर यूट्यूब के ऊपर अपलोड कर दी जाती थी। तो ऐसे धीरे-धीरे सिलसिला चलता रहा, दीपक के पिताजी भी एक पूर्व सैनिक है। जज्बा भी वही है।
दीपक ने गुजरात के वापी शहर में नौकरी की है। वह बताते हैं कि क्योंकि पैसे की बहुत सख्त जरूरत होती है और बाहर रहकर और भी इसकी महत्वता बढ़ जाती है। वहां पर गुजरात में एक जगह तो मै फुल टाइम जॉब करता था और बाद में रात को पार्ट टाइम जॉब भी किया करता। फिर नोएडा में भी कुछ समय नौकरी की और डिजिटल मार्केटिंग के अलग-अलग कोर्स भी किये है.दीपक बताते हैं कि वह तीन भाई हैं। उनका एक भाई फौज में है तो बड़ी मन में इच्छा होती है कि मैं भी फौज में जाऊं। कोशिश अभी मेरी जारी है। भगवान इस कोशिश को जरूर कामयाब करेंगे। आजकल दीपक बिष्ट नौकरी कर रहे हैं साथी कुछ वर्ष पहले उनकी शादी भी हो गई और घर में एक नन्ही बेटी भी है।
दीपक बताते हैं कि आज कल के युवाओं में डिजिटल मार्किटिंग को ले कर काफी रुझान है। दोस्तों क्या आपको पता है कि एशिया का सबसे कम उम्र वाला डिजिटल मार्केटर और इनफ्लुएंसर कौन है जी हां गुजरात का रहने वाला ध्रुव पटेल जिसकी उम्र मात्र 23 वर्ष है और वह एक डिजिटल मार्केटिंग कंपनी के क्षेत्र में महारत हासिल करने वाला बालक है और उनकी इन्हीं उपलब्धियों के कारण उन्हें डिजिटल गुरु जी द्वारा एशिया के सबसे युवा डिजिटल मार्केटर और इनफ्लुएंसर 2021 के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। दीपक के पास अब बहुत ज्यादा लोगों के फोन आते हैं जो अपनी यूट्यूब हो या फेसबुक हो या फिर वेबसाइट हो जहां उनको समस्या आती है तो वह उनकी समस्याओं को हल करते हैं। वह बताते हैं कि दिन में कम से कम 20 से 25 लोगों के फोन आते हैं और कभी भी ऐसा मौका नहीं हुआ कि उन्होंने लोगों का फोन ना उठाया हो हां यदि कभी बहुत ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं तो वह फ्री हो कर तुरंत उनको फोन करते हैं।
दीपक सिंह बिष्ट बताते हैं कि कई बार लोगों ने बोला भी है कि मुझे बड़े शहर में जाकर सेटल हो जाना चाहिए क्योंकि वहां पर हर तरह की फैसिलिटी मौजूद होती है.लेकिन मेरा मन नहीं करता बड़े शहर में जाने के लिए मैं चाहता हूं कि मैं यहीं रह कर पहाड़ के लोगों की अधिक से अधिक मदद कर सकूं . यदि फौज में जाने के लिए मैं सेलेक्ट हो गया तो भी मैं लोगों की मदद करता रहूंगा। उन्होंने नए youtubers को एक बहुत बड़ी सलाह दी कि आप लोग जल्दी के चक्कर में अपना नुकसान मत करवा लेना। क्योंकि सोशल मीडिया पर काम करने के लिए बहुत पेशंस रखनी होती है आपको रोजाना अच्छा बढ़िया कंटेंट डालना होता है यदि आप रोजाना वीडियो डालेंगे तो गूगल में आप जल्दी रैंक कर जाएंगे। दीपक सिंह बिष्ट का अपना youtube चैनल भी है जिस का नाम है Deepak Technical Bazar


