पंजाबी कॉमेडियन डॉ. जसविंदर भल्ला का निधन – एक युग की विदाई
पंजाब, 22 अगस्त 2025।
पंजाबी हास्य जगत के प्रिय और दिग्गज कलाकार डॉ. जसविंदर भल्ला अब हमारे बीच नहीं रहे। मंगलवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार, 23 अगस्त 2025 को मोहाली स्थित बेलोंगी (Balongi) श्मशान घाट में दोपहर 12 बजे किया जाएगा। इस मौके पर हजारों प्रशंसक, परिजन और फिल्म जगत की हस्तियाँ उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी।
लंबे समय से चल रही थी बीमारी
मोहाली के डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने जानकारी दी कि डॉ. भल्ला का निधन लंबी बीमारी के बाद हुआ। वे पिछले कई वर्षों से अस्वस्थ थे। इस खबर के सामने आते ही पूरे पंजाब में शोक की लहर दौड़ गई।
डॉ. जसविंदर भल्ला का जीवन परिचय
डॉ. भल्ला का जन्म 4 मई 1960 को लुधियाना, पंजाब में हुआ था।
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उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय से B.Sc. और M.Sc. पूरी की।
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इसके बाद चौधरी चरण सिंह पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, मेरठ से Ph.D. की उपाधि हासिल की।
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लंबे समय तक वे प्रोफेसर रहे और 31 मई 2020 को अपने शैक्षणिक करियर से सेवानिवृत्त हुए।
हास्य और व्यंग्य की दुनिया में सफर
डॉ. जसविंदर भल्ला ने अपने कॉमेडी करियर की शुरुआत 1988 में "छंकटा 88" नामक हास्य श्रृंखला से की।
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उनका मशहूर किरदार “चाचा छतर सिंह” पंजाब ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में लोगों के बीच लोकप्रिय हुआ।
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इस किरदार के जरिए उन्होंने समाज, राजनीति और ग्रामीण-शहरी जीवन की खामियों पर तीखे लेकिन हल्के-फुल्के अंदाज में व्यंग्य किया।
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उन्होंने अब तक 27 से अधिक ऑडियो और वीडियो छंकटे जारी किए।
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कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में उनके लाइव शो “Naughty Baba in Town” बेहद चर्चित रहे।
पंजाबी सिनेमा में योगदान
डॉ. भल्ला ने न केवल स्टेज और ऑडियो-वीडियो शो में, बल्कि पंजाबी फिल्मों में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी।
उनकी लोकप्रिय फिल्मों में –
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Carry On Jatta
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Jatt & Juliet
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Mahaul Theek Hai
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Power Cut
शामिल हैं, जिनमें उनकी कॉमेडी टाइमिंग और डायलॉग डिलीवरी ने दर्शकों को खूब हँसाया।
उनके कैचफ्रेज़ और अलग अंदाज ने उन्हें हमेशा यादगार बना दिया।
अंतिम विदाई
23 अगस्त को आयोजित होने वाले अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में प्रशंसक और फिल्म जगत की हस्तियाँ शामिल होंगी। यह दिन पंजाबी सिनेमा और हास्य की दुनिया के लिए बेहद भावुक साबित होगा।
निष्कर्ष
डॉ. जसविंदर भल्ला का निधन केवल एक कलाकार का जाना नहीं है, बल्कि यह पंजाबी हास्य परंपरा के एक स्वर्णिम अध्याय का अंत है। उनकी कला, उनकी हँसी और उनके संवाद आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
"डॉ. जसविंदर भल्ला – आपकी हँसी हमेशा ज़िंदा रहेगी।"