पाकिस्तान में कहां है जानिए बाजारे हुसन II HEERA MANDI II 2021 latest Movie Heera Mandi II Sanjay leela Bhansali



 फिल्म हीरा मंडी चर्चा में II कहां है जानिए बाजारे हुसन II हीरा मंडी II 2021 latest Movie Heera Mandi II Sanjay leela Bhansali


डायरेक्टर संजय लीला भंसाली हमेशा हटके फिल्म बनाते हैं। इस बार भी हीरा मंडी नामक फिल्म से वह चर्चा में है। वह पिछले काफी अर्से से इस फिल्म का निर्माण करना चाहते हैं। वह एक बार फिर इस फिल्म को शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं और इसके लिए वह कलाकारों का चयन भी कर रहे हैं। पता चला है कि आलिया भट्ट इस फिल्म के लिए मेन लीड किरदार में दिखाई देंगी। संजय लीला भंसाली और भी कई जानी-मानी बॉलीवुड की हीरोइंस को भी अपनी इस फिल्म में लेना चाहते हैं। सूत्रों की बात करें तो वह कुछ बड़ी हीरोइंस को भी अपनी फिल्म में जैसे ऐश्वर्या राय बच्चन,दीपिका पादुकोण, माधुरी दीक्षित, परिणीति चोपड़ा जैसी बड़ी हीरोइन के साथ उनकी बातचीत चल रही है।  इन बड़ी नायिकाओं में माधुरी दीक्षित, ऐश्वर्या राय बच्चन और दीपिका पहले भी संजय लीला भंसाली की फिल्मों में काम कर चुकी है।
 जानिए हीरा मंडी के बारे

यहां रात जागती हैं और दिन सोते हैं।


इतिहास की किताबों में भी हीरा मंडी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं लिखा गया। शहंशाह जलालुद्दीन अकबर ने लाहौर में इस कारोबार को बकायदा मंडी की शक्ल दी जैसा कि उन्होंने दिल्ली में चावड़ी बाजार और फतेहपुर सीकरी में शैतान पूरा जैसी बस्तियों की शुरुआत कीl अकबर ने लाहौर में शाही किले का निर्माण करवाया l शाही किले के आसपास के इलाके में ही यहां की औरतें अपनी जरूरतें यही पूरा करती थी। यहां शाही किले के साथ ही जेवरात और मोतियों का कारोबार भी होता था और औरतें यही पर खरीदारी करने आती थी। इस इलाके के दो इलाके मोती बाजार और हीरा मंडी बहुत ही मशहूर थे। हीरा मंडी आज भी पाकिस्तान मैं हीरे जवाहरात के लिए मशहूर है। यहां पर स्टोन का काम कई सौ सालों से होता है। राजस्थान से आजादी से पहले बहुत से कारीगर हिजरत करके यहां आकर हीरा मंडी बस गए थे। हीरा मंडी में दाखिले का दरवाजा टकसाली गेट है। किसी जमाने में यहां टकसाल होती थी और सिक्के ढलते थे। सिक्के ज्यादातर सोने की अशर्फियां और चांदी के रुपए होते थे। अकबर ने इस कारोबार को बकायदा कानूनी शक्ल दीl जहां शाही मस्जिद है वहां पर ईरान, तुर्की अफगानिस्तान से व्यापारी आया करते थे और यहां पर अपना डेरा लगाया करते थे। अकबर ने जब दीन ए इलाही इजाद किया तो हिंदू इसके बहुत नजदीक आ गए। हिंदुओं ने अकबर को खुश करने के लिए दसियों को यहां बसायाl यही दासिया बाद में तवायफों का रूप धार गई। उस वक्त से लेकर अब तक यहां रात जागती हैं और दिन सोते हैं।
लेकिन इन कोठों पर और इन तंग गलियों पर मेकअप के बलबूते पर खूबसूरत नजर आने वाली इन औरतें जिनकी आंखों में नजर आने वाली रोमानगि अब एक हसरत में ढल गई है। उनको देखकर यह अंदाजा होता है कि अब बाजार, बाजार ए हुस्न नहीं बल्कि महज एक बिस्तर बन गया है। क्योंकि यहां पर औरत ने अपने आप को इतना सस्ता कर दिया है जहां खरीदने और बेचने वाले मर्दों से ऐसा इंतकाम लिया कि उनके घर उजड़ गए।  कहते हैं कि यहां पर जिस्म के सौदागरों ने बाहर से मासूमों को लाकर बेचना शुरू कर दिया। यही नहीं घर से भागी हुई और अपने बाप से बिछड़ी हुई बच्चियां भी इन जमीर फरोश के हाथों से बाजार की दीवारों में चुन  दी गई।

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