हरीश कौशल
रंगमंच मात्र स्टेज ही नहीं जहाँ कुछ समय के लिए एक्टिंग की और तालियों की गूँज हुई। यह संवाद का एक बहुत ही बड़ा माध्यम है मगर यह वह माध्यम भी है जो हमारी गैरमौजूदगी में भी हमें मौजूद रखता है कियोंकि रंगमंच भी
हर आदमी के सुख-दुख उतार-चढ़ाव धूप छांव आदि परस्तिथियों को
जीने का एक जरिया होता है।
तानियाँ ठाकुर एक थिएटर आर्टिस्ट,फिल्म आर्टिस्ट और मेकउप आर्टिस्ट है। वह हिमाचल के शिमला की रहने वाली है। पिछले काफी अरसे से वह चंडीगढ़ में रह रही है। अपने एक्टिंग के बारे वह बताती है की शोंक तो बचपन से ही था ही था। घर में माहौल कुछ ऐसा था की परमिशन नहीं मिलती थी। कालेज में कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
सही मायनो में तो जब मेरी शादी हुई तो उस के बाद ही एक्टिंग का सफर शुरू हुआ। में चाहती थी की मुझे कोई रोल मिले जिस से मेरे शोक भी पूरा हो जाए। हुआ यूं की मेरे एक पारवारिक मित्र है जो चंडीगढ़ के सेक्टर 20 में रामलीला में रावण का रोल अदा करते तो उन्होंने मेरे को प्रोत्साहित किया और कहा की मेरे एक जानने वाले है वह थेटर करते है वह नाटक और एक्टिंग की बारीकियों के बारे में बताएंगे . में उन से मिली और नुकड़ नाटक से अपनी एक्टिंग की शुरुआत की।
टीवी,सिनेमा में अगर आप ने जाना हो तो आप को नाटक की बारीकियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। एक थिएटर आर्टिस्ट हर रोल को बखूबी से निभा सकता है। कई साल तक नुकड़ नाटक किये और फिर चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर में भी कई नाटकों में अहम् भूमिका निभाई। तानियाँ कहती है की मुझे सिखने का बहुत शौक है। कई जानेमाने डाइरेक्टरों से एक्टिंग की बारीकियां सीखी है। सिखने में किसी भी तरह का संकोच नहीं होना चाहिए।
कई वर्षों से तानिया रामलीला में बहुत सारे किरदार निभा चुकी हैं। एक्टिंग
में तो माहिर ही है वह एक बेहतरीन मेकअप आर्टिस्ट भी है। इसके अलावा कई
पंजाबी फिल्मों, भोजपुरी फिल्म और म्यूजिक एल्बम्स में भी काम किया है
पंजाबी फिल्म मोटर मितरा दी, निधि सिंह और एक अन्य भोजपुरी फिल्म मैं भी
मुख्य भूमिका में रही हैं। चंडीगढ़ में सेक्टर 20 स्थित आजाद ड्रामाटिक
क्लब और सेक्टर 28 की गढ़वाल रामलीला मंडल में इन्होंने अलग-अलग किरदार
निभाए हैं। वह बताती हैं कि मेरा पसंदीदा रोल के कई का होता है रामलीला में
वह शबरी अहिल्या स्वरूप नाका का रोल भी अदा करती हैं।
तानिया
पिछले काफी अर्से से संवाद थिएटर ग्रुप के साथ जुड़ी हुई हैं उन्होंने नाटक
एक था युगपुरुष जिस का मंचन चंडीगढ़ में किया गया था. में रोल अदा किया
था। इस नाटक को राजेश अत्री ने लिखा और मुकेश ने इसका निर्देशन किया था। यह
एक ऐतिहासिक नाटक था जिसमें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जिंदगी के संघर्ष को
दिखाया गया था। जिसमें बचपन में उन पर आए कठिन दौर उसके बाद विदेश में
पढ़ाई और शिक्षा लेने के बाद भारत में आकर उनकी जिंदगी के बारे बताया गया
था। डेढ़ घंटे तक चले इस नाटक में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पूरी जिंदगी को
मंच पर बड़े ही बखूबी से प्रस्तुत किया गया था।
तानिया ने कुरुक्षेत्र इंटरनेशनल फेस्टिवल में नाटक की प्रस्तुति काला पानी
में भी एक अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा कुलदीप शर्मा के निर्देशन में
पंजाबी नाटक लूना में भी तानिया ठाकुर ने अहम भूमिका निभाई थी।
फिल्मो में पंजाबी फिल्म निधि सिंह से शुरुआत की थी। फिल्म के साथ कई सीनियर लोग जुड़े हुए थे.उन के साथ काम करके कॉन्फिडेंस लेवल बहुत बढ़ गया था। जितना काम करते जाओ उतना ही आप को तजुर्बा होता है। पंजाबी फिल्मों के अलावा एक भोजपुरी फिल्म भी की है। उत्तरांचल की वादियों में फिल्म की शूटिंग हुई है बहुत ही मजा आया। उम्मीद है की फिल्म जल्दी रिलीज हो जाएगी। इस भोजपुरी फिल्म के बारे तानियाँ बताती है की जब मेरे से फिल्म में काम करने के लिए ऑफर आया और मुझे फिल्म की कहानी बताई गई तो मैंने एक दम हां कर दी कियुँकि उस की कहानी बहुत ही बढ़िया है। मेरे लिए एक बहुत ही बड़ा चेलेंज था भोजपुरी आती नहीं थी.दिन रात एक कर के मैंने डायलॉग्स की रिहर्सल की और जब मैंने पहले दिन शूटिंग लिए सेट पर गई और टेक शुरू हुआ तो सभी लोग हैरान थे की मैं इतनी बढ़िया भोजपुरी कैसे बोल रही हूँ। एक्टिंग कोई आसान काम नहीं होता जितना आसान लगता है उतना होता नहीं। हर डायरेक्टर के साथ काम करने में अच्छा लगता। है सभी के काम करने का तरीका अलग होता है।
तानियाँ ठाकुर ने बहुत सी शार्ट फिल्मों में भी काम किया है। लॉक डाउन ने काम के लिहाज से काफी नुक्सान हुआ है। वह कहती है की कुछ नए कॉन्सेप्ट के ऊपर कोई बढ़िया काम हो तो वह जरूर उस को करेंगी। चेलैंजिंग वाला काम होना चाहिए।अच्छे लोग यूँ ही मिलते रहे।मैं नेगिटिव रोल अदा करना चाहती हूँ। आज कल वेब सीरीज का समय आ गया है। कुछ ऑफर्स भी आए है।
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Taniya Thakur








