संघर्ष सीख लिया तो सफलता मिलनी तय - शालू II सफल गृहनी से एक सफल मॉडल और कोरिओग्राफर The Filmwala


 संघर्ष सीख लिया तो सफलता मिलनी तय - शालू II सफल गृहनी से एक सफल मॉडल और कोरिओग्राफर



शालू की नई तस्वीर 
शालू की पुरानी तस्वीर
शालू की नई तस्वीर 



हमने चण्डीगढ़ की शालू जो एक सफल गृहन्नी, मॉडल और कोरीआग्राफेर है, के साथ उनके जीवन के संघर्ष से सफलता तक के सफ़र पर खुल कर बातें की । 
प्रश्न : आप अपने बचपन के बारे में हमारे पाठकों को बतायें । 
उत्तर: मैं पंजाब के एक गाँव में पैदा हुई और दो साल की उम्र में मेरे पिता जी की मृत्यु हो गयी । मेरा बचपन बहूत ही मुश्किल में बीता । परंतु मुश्किलें ही आपको जीना सिखाती है और मेरा बचपन का दृढ़ निश्चय आज मुझे सफलता तक ले आया । 
प्रश्न : आपके परिवार में कौन कौन है ? 
उत्तर : मेरे परिवार में है मेरी 9 साल की बेटी हिया और मेरे पति राकेश जी जो की एक टी वी चैनल में कार्यरत है। 
प्रश्न: आप हमारे पाठकों को गाँव से शहर तक के सफ़र के बारे में बतायें ? 
उत्तर : मेरी शादी 2009 में चण्डीगढ़ में हुई और 2010 में मेरे बेटी हुई । मैं शुरू से ही एक गृहनी बनकर अपने छोटे से परिवार में रहना पसंद करती थी । मेरी बीमारी के समय एक दिन मेरे पति ने मुझसे कहा कि तुम ख़ुद ही इस बीमारी से बाहर निकलो और अपने लिए जीना सीखो । परिवार से पहले अपने आप को प्यार करो और अपनी सेहत ठीक करो तभी तुम अपने परिवार का ख़्याल रख सकते हो और उसे प्यार कर सकते हो । आज मैं अपने परिवार और दोस्तों के सहयोग से यहाँ तक पहूँचीं हूँ । इसके लिए सभी धन्यवाद ।
प्रश्न: आप  अपने संघर्ष के सफ़र को हमारे पाठकों के साथ शेयर करें ? 
उत्तर: संघर्ष के समय को याद करते हुए शालू ने हमें बताया की लंबे संघर्ष के बाद कढ़ी मेहनत से मुझे सफलता मिली । वो पल वो ख़ुशी आप कभी भूल नहीं सकते । अंग्रेज़ी में  एक कहावत है -“स्ट्रगल एंड शाइन “। यह वाक्य हमें बड़ी शक्ति  है , ज़िंदगी में आगे बढ़ने की परेरणा देता है । वो बताती है  की एक समय उनका वज़न 95 किलोग्राम, फ़ेस और स्किन एक बीमारी की वजह से ख़राब हो गयी थी । और इससे भी ज़्यादा बिग प्रॉब्लम थी डिप्रेशन  की । इन सबसे निकल कर बाहर आना मेरे जीवन का  बहूत बड़ा चैलेंज था । ना केवल मैं उन सब प्रॉब्लम से बाहर आयी बल्कि  मैंने ख़ुद को  सफल गृहनी से एक सफल मॉडल बनकर दिखाया । आपका दृढ़ निश्च्य ही आपकी सफलता है । मुश्किलों से घबराए नही बल्कि उनका सामना करें। आप पाएँगे की उन मुश्किलों ने आपको और भी निखर दिया है। 
प्रश्न: क्या आप अपना कॅरिअर फ़िल्मों या टी वी सीरीयल में बनाना चाहती है ? 
उतर : अगर मुझे कोई अच्छे रोल का ऑफ़र मिला तो मैं अवश्य करना चाहूँगी । 
प्रश्न : आपको  कौन कौन से अवार्ड मिले है ? 
उत्तर : मुझे 2018 में नैशनल विमेन अचीवेर अवार्ड , गोल्डन ग्लोबल अवार्ड 2019  और नैशनल आयकॉनिक विमेन अवार्ड 2019 मिलें हैं। मैं तथास्तु  चेरिटबल सोसाययटी की वाइस प्रेज़िडेंट हूँ।  Anti corruption foundation of India की ब्रांड ambassdor भी हूँ । 
प्रश्न: आप  हमारे पाठकों को कोई सलाह दें ?
उत्तर: मैं सभी का बहूत बहूत धन्यवाद करना चाहती हूँ जिनके प्यार और सहयोग से आज मैं इस मुक़ाम  पर पहुचीं हूँ। रसायन शास्त्र का एक नियम है जो ज़िंदगी पर भी लागू होता है - “जब कोई अणु टूट कर पुन: अपनी पूर्व अवस्था में आता है तो वह पहले से अधिक मज़बूत होता हैं”। मेरी दोस्तों से यही सलाह है कि हमें भी इसी तरह किसी परेशानी का सामना करने  के बाद पहले से अधिक मज़बूत होना है और जीवन में और भी तरक़्क़ी करनी हैं। जीवन में मुश्किलों का सामना करने से साहस भी आता है और हम पाते है हमारी क्षमता भी बढ़ गई है ।

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