टेस्टिड पुखराज ही खरीदे, नही तो करना पड़ सकता है विपरीत परिणामों का सामना: ज्योतिषचार्य विष्णु शर्मा
रत्न धारण करने से पहले रत्न जानकारों से ले सलाह: विष्णु शर्मा
रत्न धारण करने से जहां हमें सुख, समृद्धि एवं वैभव की
प्राप्ती होती है वहीं गलत रत्न पहनने से यह हमें तबाह एवं बर्बाद भी कर
सकता है। इसलिए हमें रत्नों को धारण करते हुए विशेष सावधानियां वर्तनी
चाहिए।
सेक्टर 45 स्थित ज्योतिष सेंटर के
ज्योतिषचार्य विष्णु शर्मा का मानना है कि जिस व्यक्ति की ज्योतिषों द्वारा
पुखराज (टोपाज़) पहने की सलाह दी जाती है उन्हें पुखराज खरीदते समय
सावधानी वर्तनी चाहिए, क्योंकि ज्यादातर दुकानदार पुखराज के नाम पर
ग्राहकों को पीला नीलम (येलो सफायर) प्राच्य पुखराज, धुमेरा स्फटिक,
साइट्रीन अथवा स्फटिक, स्कॉय पुखराज आदि के नामों से बेचते हैं, परन्तु
वस्तुत: यह पुखराज नही है। क्योंकि शुद्ध पुखराज हल्का पीला, रंगहीन या
सफेद होता है, इसलिए पुखराज की पूर्णतया जांच करवाकर ही खरीदना व पहनना
चाहिए नही तो विपरीत परिणाम से भुगतने पड़ सकते हैं।
ज्योतिषचार्य
विष्णु शर्मा शहर के जाने माने ज्योतिषचार्य हैं। उन्हें ज्योतिष एवं
रत्नों का लंबे वर्षों का अनुभव एवं ज्ञान है । उन्हें कई प्रतिष्ठित
अवार्ड व प्रमाण पत्रों से सम्मानित हो चुके है। उन्हें कई बार गोल्ड मेडल
देश की विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा दिए गये हैं। वे सामाजिक व
कल्याणकारी कार्यो में भी संलिप्त रहते हैं और जरूरतमंद की नि:शुल्क
ज्योतिष सेवा उन्हें समाधान बताते हैं।
ज्योतिषचार्य
विष्णु शर्मा ने बताया कि पुखराज का रंग अधिक पीला नही होता है वह हल्का
पीला, रंगहीन या सफेद होता है जबकि येलो सेफायर का रंग गहरा पीला भी होता
है तथा यह पीला होकर भी नीलम ही कहलाता है और जिसे पुखराज पहनना है उन्हें
नीलम के परिणाम देगा, नीलम हर किसी को नही फलता है बल्कि घातक परिणाम भी दे
देता है उन्हें यह रास नही आता। अत: गलत रत्न पहनने से बचना चाहिए व इसकी
लेब रिपोर्ट के साथ ही खरीदे या इस रत्न की प्रयोगशाला में जांच कराकर फिर
ही पहने, पुखराज को अंग्रेज में नैचुरल टोपाज भी कहते हैं। येलो सेफायर
पीला नीलम होता है। गुरू का रत्न सिर्फ पुखराज यानि नैचुरल टोपाज होता है
येलो सेफायर नही।
ज्योतिषचार्य
विष्णु शर्मा ने बताया कि ज्योतिष के अनुसार 9 ग्रह हैं, और सभी 9 ग्रहों
के 9 रत्न हैं। सूर्य का माणिक, चंद्र का मोती, मंगल का मूँगा, गुरु का
पुखराज, बुद्ध का पन्ना, शुक्र का हीरा, शनि का नीलम, राहू का गोमेद, और
केतु का लेहसूनिया। आजकल लोगों में पुखराज पहनने का काफी चलन देखने को मिला
रहा है। बृहस्पति गृह सारे देव ग्रहों के गुरु है। और इनका शुभ रत्न
पुखराज है। जिन लोगों की कुंडली मे गुरु शुभ है। उनको शुद्ध पुखराज पहनने
से काफी लाभ होता है। गुरु संतान का कारक है। विद्या का कारक है और धन का
कारक है।
